रायपुर। देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को एक वर्ष के लिए किसी अन्य राज्य अथावा केंद्र शासित प्रदेश के साथ जोड़कर भाषा, साहित्य, भोजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि के क्षेत्रों में एक दूसरे के साथ सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ योजना की संकल्पना की गयी है । इसी श्रृंखला में इस योजना के तहत इस वर्ष छत्तीसगढ़ को गुजरात के साथ जोड़ा गया है ।छत्तीसगढ़ और गुजरात के मध्य सांस्कृतिक साम्यता पर चर्चा के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और रीजनल आऊटरीच ब्यूरो (आरओबी), रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज, 21 अगस्त, 2020 को दोपहर 12.00 बजे से 01.00 बजे तक एक वेबिनार का आयोजन किया गया ।

पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर के अपर महानिदेशक श्री सुदर्शन पनतोड़े, सहायक निदेशक श्री सुनील कुमार तिवारी, प्रादेशिक समाचार एकांश, आकाशवाणी, रायपुर के सहायक निदेशक श्री विकल्प रंजन शुक्ला, प्रादेशिक समाचार एकांश, दूरदर्शन, रायपुर के सहायक निदेशक श्री मनोज सोनोने,  भारत सरकार के संग्रहालय निरीक्षक (सेवा निवृत), संग्रहालय एवं संस्कृति विशेषज्ञ श्री अशोक तिवारी, नेहरू युवा केन्द्र संगठन, युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार, रायपुर के समन्वयक, श्री अरपित तिवारी, गुजरात पर्यटन विभाग के व्यावसायिक मैनेजर श्री नीरव मुंशी, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल, रायपुर की वरिष्ठ समन्वयक सुश्री सुभधा चतुर्वेदी, नेशनल कैडेट कोर के कैडेट्स, राष्ट्रीय सेवा योजना, और नेहरू युवा केन्द्र संगठन के अधिकारी एवं स्वयं सेवक सहित 101 प्रतिभागी इस वेबिनार में शामिल हुए । नेहरू युवा केन्द्र संगठन, युवा एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार, रायपुर के समन्वयक, श्री अरपित तिवारी ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारतÓ के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे देश की विविधता में एकता को बढ़ावा देने और देश के लोगों के बीच पारंपरिक रूप से विद्यमान भावनात्मक बंधन के कपड़े को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए; राज्यों के बीच एक साल की योजनाबद्ध सहयोग के माध्यम से सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच एक गहरी और संरचित सहयोग के माध्यम से राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बढ़ावा देना है ।

इसके अलावा लोगों की समृद्ध विविधता और संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में जानने के लिए लोगों को भारत की विविधता को समझने और उसकी सराहना करने में सक्षम बनाने के लिए, इस प्रकार सामान्य पहचान की भावना को बढ़ावा देना है ।श्री अरपित तिवारी ने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत् सहभागिता के लिए मुख्य विषय-वस्तु में भारत के विचार को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में मनाने के लिए जिसमें विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न सांस्कृतिक इकाइयाँ एक दूसरे के साथ मेल खाती हैं और एक दूसरे के साथ बातचीत करती हैं, विविध व्यंजनों, संगीत, नृत्य, रंगमंच, फिल्मों और फिल्मों, हस्तशिल्प, खेल, साहित्य, त्योहारों, चित्रकला की यह शानदार अभिव्यक्ति देते हैं । अरपित तिवारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष एक भारत श्रेष्ठ भारत  के तहत पन्द्रह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन होता है जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न विधाओं के लगभग 50  कलाकार शामिल होते हैं । वेबिनार के दौरान श्री अरपित तिवारी ने पॉवर प्वाइंट प्रेंजेटेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भाषा, कला, संस्कृति, खेल, भौगोलिक स्थिति, वेश-भूषा और खान-पान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी । गुजरात पर्यटन विभाग के व्यावसायिक मैनेजर, श्री नीरव मुंशी ने बताया कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में गुजराती महोत्सव का आयोजन किया गया था जिसमें दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों इसकी प्रशंसा की थी ।

श्री मुंशी ने बताया कि गुजरात में नवरात्रि के दौरान छत्तीसगढ़ के हैण्डीक्राफ्ट के स्टॉल लगाए गए थे जिसे लोगों ने काफी पसंद किया और यहां के स्थानीय कारीगरों को काफी फायदा हुआ । उन्होंने बताया कि गुजरात एकमात्र राज्य है जिसने इस योजना के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है । वेबिनार के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ और गुजरात के लिए रिकार्ड किया गया गीत  प्रस्तुत किया । भारत सरकार के संग्रहालय निरीक्षक (सेवा निवृत), संग्रहालय एवं संस्कृति विशेषज्ञ श्री अशोक तिवारी ने बताया कि वर्तमान समय में चम्पारण्य एक विकसित व सुरम्य तीर्थ बन चुका है, छत्तीसगढ़ के व गुजरात के श्रद्धालु यहाँ नित्यप्रति दर्शनार्थ आते हैं । स्थापत्य कला से विभूषित यहाँ की दोनो बैठकजी (मंदिर), यहाँ की नयनाभिराम कलात्मक मूर्तियाँ, श्री वल्लभाचार्य जी के संपूर्ण जीवन – घटनाओं को दर्शाती अनूठी चित्रशाला, भवनो का रंग-रोगन, साथ ही यहाँ की मनमोहक सजावट यात्रियों का ध्यान आकर्षित करती हैं । माघ पूर्णिमा में यहाँ श्री चंपेश्वर महादेव का मेला भरता है, वहीं चैत्र शुक्ल एकादशी के दिन श्री वल्लभाचार्य जी का प्रागट्य महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें सम्मिलित होने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान व छत्तीसगढ़ सहित देशविदेश से श्रद्धालुगण चम्पारण्य आते हैं ।उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ व गुजरात की सांस्कृतिक एकता के मध्य चंपारण्य एक सेतु की भूमिका अदा कर रहा है । दोनो प्रदेशों में साम्य की दृष्टि से यहाँ एक बात और उल्लेखनीय है, कि गुजरात के निवासी जितने सीधे-सादे व शान्तिप्रिय हैं, उतने ही सीधे-साधे व विनयशील छत्तीसगढ़ के लोग भी हैं । गुजरात व छत्तीसगढ़ का आतिथ्य सत्कार लगभग एक सा है । कलात्मकता से जितना लगाव गुजरात को है, उतना ही छत्तीसगढ़ को भी । अर्वाचीन आधुनिकीकरण के उपरांत अपने खानपान, वेशभूषा, रस्मोरिवाज़, ललितकलाओं सहित अपनी मूल अस्मिता के प्रति दोनो राज्यों के निवासियों का आग्रह एक सा है ।

पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर के अपर महानिदेशक श्री सुदर्शन पनतोड़े ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का मुख्य उद्देश्य ही यह है कि दो राज्यों के मध्य एक सूत्र तलाशा जाए जिसमें दोनों को बांधा जा सके उनमें भावनात्मक जुड़ाव महसूस हो । उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के सांस्कृति एवं साहित्य आदान-प्रदान होना चाहिए । छत्तीसगढ़ के साहित्य का गुजराती में अनुवाद होना चाहिए और गुजराती साहित्य का यहां की स्थानीय भाषा में अनुवाद होना चाहिए ताकि दोनों प्रदेशों की जनता एक-दूसरे की कला और साहित्य को जान सकें और समझ सकें । इसके अलावा दोनों प्रदेशों की जनता को पर्यटन के लिए एक दूसरे के राज्यों में जरूर जाना चाहिए ताकि वे एक दूसरे को समझ सकें । वेबिनार के दौरान प्रतिभागियों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सवाल भी किए गए जिनका जवाब विशेष अतिथियों द्वारा दिया गया । वेबिनार का संचालन रीजनल आऊरीच ब्यूरो, रायपुर के कार्यालय प्रमुख श्री शैलैष फाये ने किया ।

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