भोपाल , ·कलंक कहकर एक नाबालिग लड़की को कन्याभोज से भगाए जाने के बाद लड़की द्वारा आत्महत्या किये जाने का मामला सामने आया है। मामला मध्य प्रदेश के शिवपुरी के मुहारीखुर्द गांव का है जहां दुर्गा पूजा का एक भंडारा लगा था जिसमें आमंत्रण मिलने पर 17 साल की चांदनी भी खाने गई थी। आरोप है कि वहां पंडित नाथूराम शास्त्री ने उसे भोजन नहीं करने दिया और उसे बुरी तरह फटकारने लगा। इससे चांदनी इस कदर आहत हो गई कि उसने घर आकर केरोसीन डालकर आग लगा ली। पड़ोसियों ने उसे बचाने की भी कोशिश की लेकिन असफल रहे।
जानकारी के मुताबिक मृतक चांदनी के भाई से करीब चार महीने पहले नाथूराम शास्त्री की गाय की मौत हो गई थी। इसके बाद से वो चांदनी के परिवार के पीछे पड़ा हुआ था और उनका सामाजिक बहिष्कार करने लगा था। चांदनी के परिजनों के मुताबिक गाय की मौत के बाद पंचायत बुलाई गई थी जिसके फैसले के अनुसार उन्होंने पूजा-पाठ, भंडारा और गंगा स्नान भी किया था। इसके बाद भी चांदनी को वहां भंडारे से भगा दिया गया और कहा कि शापित लोगों को यहां किसने आने दिया। परिजनों के मुताबिक नाथूराम शास्त्री की तरफ से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों के अनुसार भोज से भगाए जाने के बाद चांदनी रोती हुई घर आई थी और उदास रहने लगी थी। वो घर में चुपचाप बैठी रहती थी। इतना ही नहीं उसके पिता ने गांव के भागवताचार्य पर 21 हजार रुपये मांगने का आरोप भी  लगाया. उन्होंने कहा कि पैसे नहीं देने पर गांव में प्रवेश नहीं देने की धमकी दी जा रही थी।
मृतक युवती के पिता ब्रजेश पांडेय ने कहा कि जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त वो खेत में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा हमारे परिवार को नाथूराम शास्त्री के द्वारा करीब 4 महीने से प्रताडि़त किया जा रहा था। इस प्रताडऩा से दुखी होकर बेटी खुद की जान ले ली। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

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