दलित शोषण मुक्ति मंच ने संविधान दिवस मनाया

दलित शोषण मुक्ति मंच ने 26 नवंबर 2022 को सुबह 9 बजे नगर घड़ी तिराहा, रायपुर बाबा साहेब अंबेडकर प्रतिमा के सामने संविधान दिवस मनाया। इस अवसर पर मंच के साथियों ने बाबा साहेब अंबेडकर के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, उसके बाद उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पाठ करते हुए संविधान बचाने की शपथ ली। सभा को संबोधित करते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच के वरिष्ठ साथी धर्मराज महापात्र नें कहा कि वर्षों के जन संघर्षो के पश्चात प्राप्त संविधान आज ख़तरे में है और उसे बचाने के लिए आज हमें तन मन धन और जन से जुटना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा बाबा साहेब अंबेडकर ने ही हमे सिखाया है कि परिस्थितयां कितनी भी कठिन हो हम घुटने नहीं टेकेंगे और संविधान विरोधी शक्तियों का हम डटकर मुक़ाबला करेंगे और जीतेंगे भी । उनके वक्तव्य में एक प्रमुख बात यह भी रही कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा प्राप्त संविधान को ख़त्म करने वाली तमाम मनुवादी शक्तियों को पराजित करने के लिए राजनैतिक तौर पर एकजुट होना पड़ेगा तभी इन्हें पराजित किया जा सकता है।


सभा में दलित शोषण मुक्ति मंच रायपुर के अगले वक्ता रंगकर्मी और गायक शेखर नाग ने अंचल के वरिष्ठ गीतकार द्वारा लिखित जनगीत कइसे समे आगे ममादाई लबरा लूटइया के समे आ गे प्रस्तुत किया। साथ ही अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने 70 साल पहले संविधान का निर्माण कर मनुवादी शक्तियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया । लेकिन आज ऐन केन प्रकारेण मनुवादी शक्तियाँ सत्ता में काबिज़ होकर संविधान को ख़त्म करने की साज़िश कर रही है । हमें इन साज़िशों को नाक़ाम करना होगा ।
अंत में दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक और वरिष्ठ साथी रतन गोंडाने जी नें सभा को संबोधित किया और आज दौर में प्रासंगिक जनगीत मिलाई किसने दाल चावल में गोटी , प्रस्तुत किया। सभा मे रेखा गोंडाने, प्रतिमा गजभिये, देव महानन्द, नंदा रामटेके इत्यादि साथी उपस्थित थे। अंत मे आभार प्रदर्शन रिनेश कुमार ने किया ।

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