तीन दिवसीय युवा कविता रचना शिविर आज से बिलासपुर में

बिलासपुर में साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद द्वारा 30 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 तक युवा कविता रचना शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अंचल के साहित्यिक अभिरुचि के युवाओं को देश- प्रदेश के आमंत्रित विशेषज्ञ एवं चर्चित साहित्यकारो द्वारा रचना प्रक्रिया के बारे में आज जानकारी दी गयी। प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा बिलासपुर इवनिंग टाईम्स के प्रधान संपादक नथमल शर्मा के मुख्य वक्तव्य से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
इस कार्यक्रम में भागीदारी के लिये मुम्बई से फरीद खान, भोपाल से मुदित श्रीवास्तव और आरती, बिलासपुर से रफ़ीक खान, रायपुर से साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त, संस्कृतिकर्मी तथा पत्रकार पी सी रथ, राजकुमार सोनी तथा कार्यक्रम समन्वयक मृगेंद्र सिंह उपस्थित हैं। कार्यशाला संयोजक अशोक शिरोडे ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया एवं सहसंयोजक सत्यभामा अवस्थी ने सत्र की समाप्ति पर आभार प्रदर्शन किया ।
प्रथम दिवस के सत्र का शुभारंभ सुबह 11 बजे हुआ जिसमें उद्घाटन वक्तव्य नथमल शर्मा ने दिया, उन्होंने कहा ” कविता हमारे भीतर के द्वंद से प्रस्फुटित होती है, मुक्तिबोध के कॉलेज में अध्यापन के बावजूद उनके जीवन और परिवार में अभाव का संघर्ष , परेशानियां लगातार जारी थी। कविता लिखने के लिये अपने भीतर प्रवेश करना जरूरी है, इसी प्रक्रिया से बेहतर कविता का सृजन होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बिलासपुर की सुपरिचित वरिष्ठ रचनाकार मुक्तिबोध पर देश में प्रथम पीएचडी प्राप्त डॉ कल्याणी महापात्र वर्मा द्वारा की गई। उनके अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने कहा रचना समय के साथ संवाद है, ये संवाद आप अपनी जमीन पर रह कर करेंगे तो बेहतर कर सकेंगे ऐसी उम्मीद की जाती है, रचना एक आत्मालाप भी है और खुद से जिरह भी है।
उद्घाटन सत्र के अंत मे आभार प्रदर्शन सत्यभामा अवस्थी ने किया।


दोपहर के सत्र में प्रतिभागियों के परिचय के बाद नवोदित कवियों ने अपनी एक-एक कविता सुनाई। इसके बाद प्रतिभागियों से कविता को लेकर सवालों का आवाहन किया गया।
काव्य सृजन प्रक्रिया पर केंद्रित विभिन्न सवालों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा शाम तक समाधान का सिलसिला जारी रहा। कार्यशाला में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी, कबीरधाम, जांजगीर चाम्पा, रायगढ़, दुर्ग, रायपुर , बिलासपुर तथा धमतरी जिलों के 60 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ये कार्यशाला आगामी 2 अक्टूबर तक जारी रहेगी। कार्यक्रम के प्रतिभागियों में महिलाओं की बड़ी भागीदारी देखी गयी। बिलासपुर के साहित्यकार, संस्कृतिकर्मियों में रामकुमार तिवारी, मोहम्मद रफ़ीक, कपूर वासनिक, नरेश अग्रवाल, मुरली मनोहर सिंह, लखन सिंह, अरुण दाभड़कर, सचिन शर्मा, असीम तिवारी, वी वी रमन किरण, डी के जिवतोड़े, मोतीराम लोहिया, कल्पना जिवतोड़े, मनीषा शिरोडे आदि शामिल थे।

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