‘झरिया से प्यास बुझाने‘ संबंधी समाचारों का कार्यपालन अभियंता ने किया खण्डन
धमतरी, नगरी विकासखण्ड के ग्राम करका में ग्रामीणों द्वारा कथित तौर पर पीने के लिए झरिया का पानी इस्तेमाल करने संबंधी प्रकाशित खबरों का कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने खण्डन किया है. उन्होंने इन समाचारों को वास्तविकता से परे और तथ्यहीन बताया है.
कार्यपालन अभियंता श्री भोयर ने बताया कि कतिपय समाचार-पत्रों में ‘पानी के लिए जद्दोजहद‘, ‘झिरिया खोदकर गंदे पानी से बुझती है प्यास‘ तथा ‘नदी तट पर खोद रहे झिरिया रिसता पानी जुटाकर बुझा रहे प्यास‘ शीर्षक से गत 23 एवं 24 अप्रैल 2019 को प्रकाशित समाचारों को गम्भीरता से लेते हुए कलेक्टर रजत बंसल ने स्थल निरीक्षण कर प्रकरण की त्वरित जांच करने का निर्देश दिया था, जिसके उपरांत सहायक अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड नगरी ने 24 अप्रैल को उक्त ग्राम का मौका मुआयना कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. प्रतिवेदन में बताया गया है कि ग्राम पंचायत रिसगांव के आश्रित ग्राम करका की जनसंख्या 158 है तथा विभाग द्वारा स्थापित किए गए सभी चार हैण्डपम्प वर्तमान में कार्यरत हैं. ग्रामीण श्री मोतीराम कोमर्रा (उप सरपंच), संतराम कोमर्रा, विष्णु कुमार, श्री दिवस, श्रीमती सत्यवती, दशरी बाई तथा रूखमणी बाई ने बताया कि उनसे किसी व्यक्ति के द्वारा न तो सम्पर्क किया गया और न ही पेयजल के संबंध में किसी तरह की चर्चा की गई. जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि समाचार-पत्र में उल्लेखित नाम श्रीमती रामबाई व श्रीमती जानकी बाई उक्त गांव के निवासी ही नहीं हैं. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन के तहत मतदान दिवस 18 अप्रैल को मतदान के उपरांत घर वापसी के समय नदी में रेत निकालने से हुए गड्ढे में जमा पानी को निकालते समय सम्भवतः यह तस्वीर ली गई थी. इस संबंध में ग्रामीणों ने लिखित एवं हस्ताक्षरित पत्र में प्रमाणित भी किया है कि ग्राम करका में वर्तमान में सभी चारों हैण्डपम्प चालू अवस्था में है और वे पेयजल के तौर पर इनका ही उपयोग करते हैं, न कि झरिया का. जांच के उपरांत कार्यपालन अभियंता ने विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित उक्त समाचार को आधारहीन एवं तथ्यहीन निरूपित करते हुए कहा कि ग्राम करका में पेयजल की स्थिति सामान्य है.