हर छात्र अपने मोबाईल से प्रवेश फॉर्म आसानी से भर सकेगा- गिरीश कान्त पांडे कुलसचिव पं. रवि वि वि रायपुर

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रविशंकर विश्व विद्यालय में प्रवेश के लिए तैयार साफ्टवेयर का परीक्षण
इस बार बहुत तेज और कार्यकुशल फ्लोरिडा के सर्वर से जोड़ा गया है पोर्टल

रायपुर. ( इंडिया न्यूज रूम इन )इस विषय में पिछले कई महीनों की जा रही तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है , विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी सरकारी, गैर सरकारी महाविद्यालयों के प्राचार्यो तथा प्रवेश प्रभारियो की कार्यशाला नए आन लाइन साफ्टवेयर को समझाने समझाने के लिए हो रही है , सभी प्रकार के जिज्ञासाओं का समाधान तथा प्रवेश सम्बन्धी प्रक्रिया का पैक्षण किया जा रहा है , पूरी कोशिश की जा रही है कि प्रवेश आवेदन की आँन लाइन प्रक्रिया बेहद सरल और सामान्य एनड्रायड मोबाईल से पूरा फार्म भरने योग्य हो, जिससे प्रवेश आवेदन करने वालों को किसी भी तरह कम्पुतर सेंटर या टाइपिंग दुकानों में जा कर फार्म न भराना पड़े . विशेष तौर पर स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए ये व्यवस्था जल्दी की जा रही है . सामान्य तौर पर एक जून से प्रवेश का पोर्टल पूरी तरह काम करना शुरू कर देगा. 1 से 15 जून तक भरे गए आँ न लाइन फार्म की सूची 16 को जारी होगी, कोई भी छात्र फॉर्म भरते समय अधिकतम 7 महाविद्यालयों का विकल्प दे सकता है , पोर्टल में आवेदन करते समय कोई भी शुल्क नहीं लिया जायेगा . आवेदक छात्र , छात्रा की पिछली पेक्षा का रोल नंबर ही उसका युसर नेम और जन्मतिथि उसका पासवर्ड रहेगा, इस प्रकार सरलता से छात्र अपने पसंद के कालेज के लिए घर बैठे ही आवेदन कर देगा. छात्र अपना कोई भी एक मोबाईल नंबर फार्म भरते समय रजिस्टर्ड करवा सकता है जिसमे उसे प्रवेश सम्बन्धी जानकारियाँ मिलती रहेंगी.
इस बार एक और खूबी रखी गयी है कि प्रवेश सूची में नाम आ जाने के बाद ही निर्धारित फीस जमा की जा सकेगी, फीड किया गया अपना डाटा छात्र सितम्बर माह तक सुधार सकेंगे, उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन डाटा लाक कर देगा .
कोशिश की जा रही है कि इस वर्ष सभी महाविद्यालयों में दो – दो कंप्यूटरो तथा फॉर्म आँन लाइन भरने में सहयोग करने के लिए ‘ स्टूडेंट्स हेल्प डेस्क ‘ में सहायकों, व्याख्याताओ की डियूटी भी लगाई जाय .
ज्यादातर महाविद्यालयों में व्याख्याता तथा प्राध्यापक के दर्जनों पद रिक्त चल रहे हैं ऐसी स्थिति में नए विषयों की नई कक्षाएं भी शुरू नहीं की जा रही हैं. ज्यादातर महाविद्यालय संविदा , जनभागीदारी, दैनिक वेतन भोगी शैक्षणिक स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं , भर्ती के लिए आवेदन तो मंगाए गए है किन्तु भर्ती प्रक्रिया पूरी होते होते फिर सत्र ख़त्म न हो जाए इसकी चिंता प्राचार्यो को बनी हुई है . सोनाखान कालेज में सहायक प्राध्यापक के पूरे 10 पद रिक्त हैं, कसडोल में 20 पद रिक्त हैं. इसी तरह अन्य सभी शासकीय महाविद्यालयों में भी पद रिक्त हैं.

हालाँकि उसी फर्म को प्रवेश के लिए साफ्टवेयर बनाने का काम दिया गया है जो परीक्षा फॉर्म आँन लाइन का काम ठीक से नहीं कर सकी इसकी कुछ प्राध्यापकों ने शिकायत भी की, बताया जाता है की ये वही फर्म है जिसे पूर्व में दुर्ग के हेमचंद यादव स्मृति विश्वविद्यालय से साफ्टवेयर का काम संतोष जनक नहीं होने के कारण हटा दिया गया था , जब प्रवेश के लिए पूरी तरह से एक नया सिस्टम स्वीकार किया जा रहा है तो एक हाई लेबल की कमिटी और उसका अध्यक्ष वगेरह बना कर प्रवेश सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए जिम्मेदारी डी जानी थी क्योकि विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स विभाग के डीन श्री चौधरी वर्तमान में छात्र कल्याण अधिष्ठाता हैं जो कि मूल रूप से जिनका प्रवेश हो चुका होता है उन छात्रों की समस्याओं का समाधान करते हैं . इस प्रवेश सम्बन्धी समस्याओ को सुलझाने के लिए अलग समिति होनी ही चाहिए . सरईपाली से देवभोग तक फैले विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में देखा गया है की परीक्षा फार्म भी आँ न लाइन में कई छात्र ठीक -ठीक नहीं भर पाए है एइसे में निजि कंप्यूटर दुकानों में फार्म भरवाने के नाम पर कहीं उनसे वसूली न हो जाए इसकी चिंता भी कुछ प्राध्यापकों द्वारा व्यक्त की जा रही थी .
उल्लेखनीय है कि 2 मई को CBSC और 8 मई को CG बोर्ड के 12 वी के नतीजे आ जाने के बाद रविशंकर विश्व विद्यालय में प्रवेश प्रारंभ नहीं होने और निजि विश्वविद्यालयो में प्रवेश जारी हो जाने के बाद ये चिंता जाहिर की जा रही थी कहीं इस बार सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्र छात्राओं की कमी न पड़ जाए .

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