वाजपेयी के निधन पर दिल्ली, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में शुक्रवार को सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज बंद

रायपुर . देश के 10 वें प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की 66 दिनों तक अटल योद्धा की तरह संघर्ष करने के बाद थमी साँस , आज दिल्ली एम्स में ९३ वर्ष की आयु में दिवंगत . उन्होंने देश की बागडोर तीन बार संभाली. पहली बार उन्होंने साल 1996 में 16 मई से 1 जून तक, साल 1998 से 19 मार्च से 26 अप्रैल 1999 तक, फिर 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई से 2004 तक. पूर्व प्रधानमंत्री  अटलबिहारी बाजपेयी   के अन्त्येष्टि संस्कार के दिन कल 17 अगस्त को छत्तीसगढ़ राज्य के सभी कार्यालयों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस आशय का आदेश आज 16 अगस्त 2018 को यहां जारी कर दिये  जाने की खबर है . स्वर्गीय अटलबिहारी बाजपेयी  की अन्त्येष्टि गुरूवार 17  अगस्त को दोपहर 1.30 बजे  दिल्ली  में होगी.

दूसरी तरफ अटलबिहारी वाजपेयी के आज नईदिल्ली में हुए निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार के सभी मंत्रियों और संसदीय सचिवों ने शोक प्रकट किया है और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है।
श्री वाजपेयी की हालत नाजुक होने की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह उन्हें देखने नईदिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे। देर शाम एम्स की ओर से जारी बुलेटिन में 5.05 बजे श्री वाजपेयी के निधन की सूचना दी गई। देखते ही देखते पूरा भारत शोक में डूब गया। छत्तीसगढ़ सरकार के गृह, जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, पंचायत और ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, वाणिज्य और उद्योग तथा नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अमर अग्रवाल, संस्कृति, पर्यटन और सहकारिता मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन और विधि मंत्री श्री महेश गागड़ा, महिला और बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, श्रम तथा खेल मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने शोक प्रकट किया।

सभी मंत्रियों ने स्वर्गीय श्री वाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व तथा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में उनके ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए राज्य के साथ उनके गहरे आत्मीय जुड़ाव का उल्लेख किया। संसदीय सचिव सर्वश्री मोतीराम चंद्रवंशी, लखन देवांगन, तोखन साहू, शिवशंकर पैकरा, अम्बेश जांगड़े, लाभचंद बाफना, राजू सिंह क्षत्री, गोवर्धन मांझी और श्रीमती सुनीति राठिया, श्रीमती रूपकुमारी चौधरी तथा श्रीमती चम्पादेवी पावले ने भी पूर्व प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

 

 

 

 

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here