बिलासपुर,07.09.19 ( इंडिया न्यूज रूम ) जागरूक उपभोक्ता  बहतराई रोड, बिलासपुर निवासी याचिकाकर्ता  सन्तोष दुबे द्वारा 2015 में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी से अस्थाई विद्युत कनेक्शन लिया गया था जिसे प्रतिवर्ष वे नियमानुसार नवीनीकरण भी करते रहे और समय से बिजली बिल का भुगतान भी करते रहे लेकिन बिजली विभाग के एक जूनियर इंजीनियर शेख शादाब के मनमानी के चलते बग़ैर पूर्व नोटिस दिए अचानक बिजली कनेक्शन काट दिया गया. कोई भी बिजली बिल बकाया न होने पर भी बिजली कनेक्शन काटने के सम्बंध में उच्च अधिकारियों से सम्पर्क करने पर भी कोई कार्यवाही नही होने पर याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय की शरण ली. याचिका कर्ता ने अपने सभी विद्युत देयक व उसके भुगतान की रसीद उच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर बताया कि जब याचिकाकर्ता ने अपना पूरा बिल समय पर भुगतान किया है तो बगैर नोटिस विद्युत कनेक्शन काटना अवैधानिक है. इस प्रकार जूनियर इंजीनियर मनमाने तरीके से विद्युत कनेक्शन काटकर याचिकाकर्ता के मूलभूत अधिकारों का हनन किया है.

मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी के न्यायालय में हुई जिसमें की उच्च न्यायालय ने विद्युत वितरण कम्पनी को नोटिस जारी कर 24 घण्टे के भीतर विद्युत कनेक्शन जोड़ने का अंतरिम आदेश दिया है.

जूनियर इंजीनियर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की भी मांग

बताया जाता है कि शेख शादाब तीन माह पूर्व ही अपने राजनैतिक पहुंच के जरिये अपना स्थानांतरण बिलासपुर करवाया है. नियम कानूनों को दरकिनार कर मनमानी पूर्वक कार्यवाही का आरोप भी याचिका में लगाया गया है. जिसके लिये याचिका में कड़ी अनुशासनिक कारवाही की भी मांग की गई है.

बच्चे रहे परेशान

तोरवा जोन बिलासपुर के जूनियर इंजीनियर की इस हरकत के कारण याचिककर्ता के बच्चे तीन दिनों तक बिना बिजली के परेशान रहे. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जब रात 7 बजे उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप से फिर से कनेक्शन जुड़ा तब कहीं जाकर बच्चों ने राहत की सांस ली.

अस्थाई कनेक्शन  में वैसे  भी ज्यादा दर पर यूनिट चार्ज रखा जाता है जिसका भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाता रहा है फिर वसूली बाकी न होने पर भी कनेक्शन काटना गलत है .

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