लाठी चलाने वाले सी एस पी नीरज चंद्राकर को किया पुलिस मुख्यालय अटैच

रायपुर. छत्तीसगढ सरकार की किरकिरी करने वाले मामले में कांग्रेस कार्यालय में घुसकर कांग्रेसियों पर लाठी बरसाने वाले स्वामी भक्त पुलिस अफसर नीरज चंद्राकर को भले ही मुख्यमंत्री ने अटैच कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. सबसे पहला सवाल तो यही है कि अगर बगैर जांच किए नीरज चंद्राकर को हटाना ही था या अटैच करना था तो फिर मजिस्ट्रेट जांच की नौटंकी क्यों की गई? दरअसल नीरज को हटाने की कहानी कुछ और है. बिलासपुर में लाठी चार्ज की घटना के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बेहद सधे हुए ढंग से चेतावनी दी थी. बघेल ने कहा था- अगर 20 सितंबर तक सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करेगी तो प्रधानमंत्री का ऐसा जोरदार स्वागत किया जाएगा कि भाजपा याद रखेगी. भूपेश की इस चेतावनी से क्या रमन सिंह डर गए?

ऐसा लगता है कि इस डर की एक वजह और है. भले ही रमनसिंह और उनकी आड़ लेकर अरबों कमाने वाले उनके करीबी अफसर समय- असमय प्रधानमंत्री की परिक्रमा करते रहते हैं, लेकिन प्रदेश के कई कद्दावर भाजपा नेता भी अब मोदी के नजदीक हो चुके हैं. पाठकों को याद होगा कि कुछ समय पहले मध्यप्रदेश से शिवराज सिंह और छत्तीसगढ़ से रमन सिंह को हटाने की खबरें जोर-शोर से चली थी। मोदी के सामने अपना नंबर बढ़ाने में लगे रहने वाले रमन सिंह ने इसी वजह से भूपेश बघेल की चेतावनी को गंभीरता से लिया ताकि फजीहत से बचा जा सकें.
इधर नीरज चंद्राकर को पुलिस मुख्यालय में अटैच कर देने के बाद यह भी कहा जा रहा है कि क्या एक सिरफिरे अफसर को केवल अटैच करना ही काफी है? जो पुलिस वाले बर्बरता करते दिख रहे हैं उनको क्यों बख्श दिया गया? नीरज चंद्राकर सहित कम से दो दर्जन पुलिस वालों पर निलंबन की गाज गिरनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये स्थितियां है.

किरकिरी के बाद जब मुख्यमंत्री को घेरे रहने वाले अफसरों ने बताया होगा कि सर…. जबरदस्त थू- थू हो रही है और फिर बघेल ने चेतावनी दे रखी है.अगर प्रधानमंत्री के आगमन के समय कांग्रेसियों ने घेराव कर दिया तो मुसीबत खड़ी हो जाएगी तब जाकर नीरज चंद्राकर अटैच किए गए. जो भी हो कांग्रेस का दबाव काम आया, ऐसा कहा जा सकता है.

अब कांग्रेस को अपने नेताओं कार्यकर्ताओं को कहने के लिए कुछ आधार भी बन गया, हालांकि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कांग्रेसी उस तरह राजनैतिक प्रतिरोध नही कर पाए.

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