नरेन्द्र मोदी , डॉक्टर रमन सिंह व उनके सांसद पुत्र अभिषेक सिंह पर लगाया आरोप
सभी अखबारों को उनकी खबर रोकने के लिए विशेष दबाव डाला गया ?


रायपुर ,सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शनिवार को प्रेस क्लब रायपुर और सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह व उनके सांसद पुत्र अभिषाक सिंह जिनका नाम 2013 से अभिषेक सिंह रख लिया गया है पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये . उन्होंने राफेल घोटाले के साथ साथ छत्तीसगढ़ में पी डी एस , नान घोटाला और आगुस्ता हेलीकाप्टर खरीद घोटाला को ले कर तथ्यात्मक जानकारियां दी; बताया कि अभिषाक सिंह , रमन मेडिकल , रायपुर रोड , कबीरधाम जिले के नाम से विदेशी बैक में खाते खोले गए जिसमें अगुस्ता वेस्ट लेंड हेलीकाप्टर खरीदी में हुए घोटाले के करोड़ों की दलाली जमा करवाई गयी और इसमें बिना आयकर, विदेश, वित्त विभाग को सूचना के विदेशी बैंक खाते खोल कर गंभीर वित्तीय लेनदेन , पनामा खाते के माध्यम से करने के उन्होंने आरोप लगाए, उन्होंने नान घोटाले में जब्त डायरियों में डॉक्टर साहब और श्रीमती मुख्यमंत्री को दिए गए अबाध धन का भी जिक्र सार्वजनिक तौर पर किया. एक प्रश्न के जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा कि बोफोर्स में तो घोटाला केवल 64 करोड़ का दलाली दिए जाने का हुआ था लेकिन राफेल घोटाले में रकम लाख करोड़ से अधिक की होगी और देश की रक्षा आत्मनिर्भरता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है , एयर फ़ोर्स की कमर तोड़ दी गयी है , देश की सरकारी ऐरोनातिक्स कंपनी ( HAL) को बदनाम किया गया , देश से इतनी बड़ी गद्दारी की गयी , जब निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत १२६ लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा फ़्रांस के साथ किया गया था , 2004 से ये प्रक्रिया चल रही थी 25 मार्च 2015 तक विमान की कीमत , निर्माण प्रक्रिया सब कुछ तय हो चुका था तो मोदी जी के अम्बानी के साथ किये फ़्रांस दौरे के बाद अचानक ये नया सौदा जिसमे 126 के बदले कुल 36 विमान लिए जाने का एग्रीमेंट अचानक कैसे सामने आ गया , इसमे HAL को दरकिनार करके अम्बानी की नवजात कंपनी को कमीशन भी तय किया गया .मोदी सरकार ने अपना भ्रष्टाचार छुपाने प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट में पूर्ण परिवर्तन कर दिया गया . सी बी आई में बदलाव कर दिया गया , रिजर्व बैंक में भी सीधे परिवर्तन किये गए जिससे की जाँच भी न हो सके .
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के इतने बड़े खुलासे के बाद भी न तो स्थानीय मुख्य मीडिया ने इन दस्तावेजी तथ्यों को प्रकाशित किया न ही इन दबाए गए मुद्दों को दोहराने तक की हिम्मत की . बल्कि डरे हुए पत्रकारों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी की ओर से कड़े निर्देशों के बाद अधिकतर अखबारों में कुछ भी न छापने का आदेश मिला.
वरिष्ठ अधिवक्ता सुधा भारद्वाज के साथ 5 बुद्धिजीवियों की गिरफ़्तारी के बारे में किये गए प्रश्न के जवाब में श्री भूषण ने उन्हें लोकतंत्र को बचाने के लिए किये जा रहे संघर्ष का हिस्सा बताया , उन्होंने कहा कि जो भी आज पर्यावरण, जंगल , लोगों के बुनियादी अधिकार बचाने के लिए उनमें जागरूकता फ़ैलाने का काम करता है उसे इसी तरह से शहरी नक्सल या देश द्रोही कहा जाता है ,फर्जी प्रकरणों में फंसा कर बदनाम किया जाता है. असली देशद्रोही तो रक्षा मामलों में राफेल जैसा भ्रष्टाचार , घोटाला करने वाले लोग हैं .
पत्रकारों के लिए मजीठिया वेज बोर्ड को 2011 से लागु किये जाने के बाद और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 – 3 बार आदेश दिए जाने के बाद भी राज्यसरकारों के मिडिया मालिकों पर दबाव न बनाने के कारण अब तक पत्रकारों को मजीठिया वेतन नहीं मिलने और उन्हें प्रताड़ित करने के प्रश्न पर श्री भूषण ने इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर किये जाने की जानकारी देते हुए बताया कि सारे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नज़र है और कार्यवाही भले धीरे हो रही हो लेकिन जारी है इंसाफ मिलेगा .
शाम को शहर के आम लोगों के समक्ष बोलते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने देश के समक्ष मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए जागरूकता के साथ निर्णय लेने की अपील की देश के संवैधानिक संस्थाओं के मौजूदा हालात पर भी चिंता जाहिर की .
इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने बातचीत में बताया ये बातें स्पष्ट करती हैं कि छत्तीसगढ़ में सत्ता का दबाव कितना ज्यादा है । चापलूसों, रीढ़ विहीनों , गोदी मीडिया की जमात कितनी ज्यादा है। बाकी रहा सवाल प्रशांत भूषण का तो प्रति घंटे सुप्रीम कोर्ट में केस प्रस्तुति का करोड़ों रुपए ले सकने वाला वरिष्ठ वकील जो मजिठिया केस में कारपोरेट प्रेस मालिकों द्वारा संविधान के विरुध्द जा कर पत्रकारों के शोषण किये जाने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठा रहा है, उन्हें ऐसी सरकार के चापलूसों द्वारा अर्बन नक्सल कहा जा रहा है।

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